विधानसभा में बजट समीक्षा 2025-26: सिवाना विधायक हमीरसिंह भायल ने सदन में लूणी नदी को प्रदूषण मुक्त करने की उठाई मांग

हमीर सिंह भायल, विधायक सिवाना
शाइन टुडे न्यूज़ नेटवर्क
जयपुर, 10 मार्च 2025: राजस्थान विधानसभा में आज बजट समीक्षा 2025-26 के तहत अनुदान मांग संख्या 45 (उद्योग विभाग) और 56 (वन एवं पर्यावरण विभाग) पर गहन चर्चा हुई। इस दौरान सिवाना विधायक हमीर सिंह भायल ने सदन में लूणी नदी को प्रदूषण मुक्त करने, वन एवं पर्यावरण संरक्षण तथा औद्योगिक विकास से जुड़ी अहम मांगें रखीं।
लूणी नदी को प्रदूषण मुक्त करने की मांग
हमीर सिंह भायल ने मारवाड़ की "मरू गंगा" लूणी नदी की दुर्दशा पर चिंता व्यक्त करते हुए इसे प्रदूषण मुक्त करने की पुरजोर मांग की। उन्होंने कहा कि पाली के नेहड़ा बांध, जोधपुर की औद्योगिक इकाइयों और बालोतरा के कपड़ा उद्योगों से निकलने वाले प्रदूषित जल के कारण लूणी नदी बुरी तरह दूषित हो गई है। यह नदी किसानों, पशु-पक्षियों और आमजन के लिए जीवनदायिनी है, लेकिन प्रदूषण के चलते खेती प्रभावित हो रही है, पशुओं के लिए पानी दूषित हो गया है, और पेयजल योजनाएं संकट में हैं। उन्होंने यह भी कहा कि समदड़ी से लेकर सिणधरी और गुड़ामालानी तक नदी का जल पूरी तरह प्रदूषित हो चुका है। कई स्थानों पर पानी भरा होने के कारण लोगों का आना-जाना भी मुश्किल हो गया है। सरकार को तत्काल प्रभाव से इस दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए।
वन एवं पर्यावरण संरक्षण पर जोर
वन विभाग की अनुदान मांग पर चर्चा के दौरान हमीर सिंह भायल ने वन क्षेत्र में एनीकट और बांध निर्माण के लिए विशेष बजट जारी करने की मांग रखी। उन्होंने कहा कि वन क्षेत्र में केवल वन विभाग ही निर्माण कार्य कर सकता है, अन्य विभाग वहां कार्य नहीं कर सकते। इसलिए वन विभाग को पर्याप्त बजट दिया जाए, ताकि जल संरक्षण और पर्यावरण सुधार के कार्य सुचारू रूप से किए जा सकें।उन्होंने राजकीय भूमि और वन क्षेत्र से विलायती बबूल हटाने के लिए विशेष अभियान चलाने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि विलायती बबूल के कारण उपजाऊ भूमि बंजर होती जा रही है। इसे हटाने से उपजाऊ घास और अन्य उपयोगी पौधों को विकसित किया जा सकता है, जिससे पशुपालन और जैव विविधता को लाभ मिलेगा।
ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने की मांग
हमीर सिंह भायल ने हल्देश्वर महादेव मंदिर क्षेत्र में ईको टूरिज्म विकसित करने के लिए सरकार को पहले से भेजे गए प्रस्तावों को शीघ्र लागू करने की मांग की। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने से स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। उन्होंने सिनेर अन्नपूर्णा नगर में माताजी मंदिर के पास बहने वाले झरनों (झिका और मालन) के पर्यटन विकास की भी मांग की। उन्होंने कहा कि यह झरने मानसून के समय हजारों पर्यटकों को आकर्षित करते हैं और साल में लगभग 8 महीने चलते रहते हैं। यदि यहां पर सड़क और अन्य बुनियादी सुविधाओं का विकास किया जाए तो अधिक से अधिक पर्यटक यहां आ सकेंगे।
औद्योगिक विकास की आवश्यकता
हमीर सिंह भायल ने सिवाना विधानसभा क्षेत्र में "राइजिंग राजस्थान" योजना के तहत नए उद्योग स्थापित करने की मांग रखी। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में ग्रेनाइट खनन की अपार संभावनाएं हैं। इसके अलावा, अन्य खनिज संसाधनों की उपलब्धता को देखते हुए सिवाना में औद्योगिक विकास की दिशा में सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिए। उन्होंने मोकलसर और समदड़ी के रीको क्षेत्र की खराब सड़कों की मरम्मत और खाली पड़े प्लॉटों में उद्योगों की स्थापना की मांग की। उन्होंने यह भी कहा कि बालोतरा जिले में सीएसआर (कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) फंड को शिक्षा, पेयजल, सड़क और स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च किया जाना चाहिए।
घरेलू उद्योगों को बढ़ावा देने की मांग
हमीर सिंह भायल ने सिवाना क्षेत्र में घरेलू उद्योगों के संरक्षण और संवर्धन की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि जूती निर्माण, सुथार कारीगरी, लोहार कार्य और मटकी उद्योग जैसे परंपरागत व्यवसायों को बढ़ावा देने के लिए सरकार को विशेष योजना बनानी चाहिए। इससे स्थानीय कारीगरों और श्रमिकों को आर्थिक मजबूती मिलेगी।
कटौती प्रस्ताव सदन में पेश किए
अंत में, हमीर सिंह भायल ने अनुदान मांग संख्या 45 (उद्योग विभाग) और 56 (वन एवं पर्यावरण विभाग) पर अपने लिखित कटौती प्रस्ताव विधानसभा में प्रस्तुत किए। सिवाना विधायक हमीर सिंह भायल द्वारा उठाए गए ये मुद्दे राज्य के पर्यावरण संरक्षण, औद्योगिक विकास और पारंपरिक व्यवसायों के उत्थान के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। अब यह देखना होगा कि सरकार इन मांगों पर कितना और कब तक अमल करती है।