श्रीधर जुगतावत बने सेना में लेफ्टिनेंट, माता-पिता ने लगाए बेटे के कंधे पर स्टार
पारलू/बालोतरा, शाइन टुडे न्यूज़: – जिले के पारलू गांव के होनहार युवा श्रीधर जुगतावत ने भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट पद प्राप्त कर अपने परिवार, गांव और प्रदेश का नाम रोशन किया है। श्रीधर ने एक वर्ष पूर्व सर्विस सिलेक्शन बोर्ड (SSB) की राष्ट्रीय स्तरीय प्रतियोगी परीक्षा में देशभर में दूसरी रैंक हासिल कर यह गौरव प्राप्त किया। राजस्थान से इस प्रतिष्ठित परीक्षा में सफल होने वाले वे एकमात्र चयनित अभ्यर्थी थे।
चेन्नई में प्रशिक्षण पूरा कर परेड में दी सलामी
श्रीधर ने चेन्नई में दस महीने का कठोर सैन्य प्रशिक्षण पूरा करने के बाद टैनिंग सेंटर में आयोजित भव्य परेड में भाग लिया। इस अवसर पर सेना के वरिष्ठ अधिकारी जॉनसन पी. मैथ्यू (PVSM, UYSM, AVSM, VSN) सहित अन्य सैन्य अधिकारियों ने परेड की सलामी ली।
माता-पिता ने लगाए बेटे के कंधे पर स्टार
प्रशिक्षण पूरा होने के बाद आयोजित सम्मान समारोह में श्रीधर के माता-पिता अरविंद सिंह जुगतावत और संतोष कंवर ने गर्व के साथ उनके कंधे पर लेफ्टिनेंट के स्टार लगाए। इस भावुक पल में माता-पिता की आँखों में खुशी के आँसू छलक पड़े।
श्रीधर की पहली पोस्टिंग जम्मू-कश्मीर में दी गई है, जहां वे देश की सेवा करेंगे। उनके पिता अरविंद सिंह जुगतावत सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य हैं, माता संतोष कंवर गृहिणी हैं। बड़े भाई मयंक जुगतावत बैंक मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं, जबकि छोटे भाई सुदर्शन शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।
सेना के जज एडवोकेट जनरल विभाग में निभाएंगे भूमिका
श्रीधर भारतीय सेना के जज एडवोकेट जनरल (JAG) विभाग में अपनी सेवाएँ देंगे। यह विभाग अनुशासनात्मक मामलों, मुकदमेबाजी, मानवाधिकारों और अन्य कानूनी विषयों से संबंधित महत्वपूर्ण कार्यों को देखता है।
उच्च शिक्षा और प्रेरणादायक सफर
श्रीधर ने प्रारंभिक शिक्षा गांव पारलू में, उच्च माध्यमिक शिक्षा बालोतरा में पूरी की। इसके बाद उन्होंने आर्मी इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ, मोहाली (पंजाब) से एलएलबी की डिग्री प्राप्त की। वर्तमान में वे एनएलयू कोच्चि से एलएलएम की पढ़ाई कर रहे हैं।
श्रीधर की इस उपलब्धि से उनके परिवार, गांव और पूरे बाड़मेर-बालोतरा क्षेत्र में हर्ष और गर्व का माहौल है। उनके पिता ने कहा, "बेटे का सेना में लेफ्टिनेंट बनना हमारे लिए सबसे बड़ी खुशी और गर्व की बात है।"
युवाओं के लिए श्रीधर जुगतावत एक प्रेरणा बने हैं, जिन्होंने ग्रामीण क्षेत्र से निकलकर कड़ी मेहनत और समर्पण से यह सफलता प्राप्त की है।