बालोतरा/ तिलवाड़ा:पश्चिमी राजस्थान के बालोतरा जिले में स्थित तिलवाड़ा में विश्वविख्यात श्री रावल मल्लीनाथ पशु मेला 2025 का शुभारंभ ध्वजारोहण के साथ हुआ। इस शुभ अवसर पर श्री रावल मल्लीनाथ जी मंदिर तिलवाड़ा (थान मल्लीनाथ) में ब्रह्मचारी ब्रह्म सावित्री सिद्ध पीठाधीश्वर पूज्य श्री श्री 1008 श्री तुलसाराम जी महाराज ब्रह्म तीर्थ आसोतरा, गुरु महाराज श्री गोपालराम जी गढ़ सिवाना के पावन सानिध्य एवं संस्थान अध्यक्ष रावल श्री किशन सिंह जी जसोल के मार्गदर्शन में अष्टप्रकृति यज्ञ का आयोजन किया गया। साथ ही पशुपालन, गोपालन, डेयरी एवं देवस्थान विभाग मंत्री श्री जोराराम कुमावत की गरिमा में उपस्थित में संस्थान अध्यक्ष रावल श्री किशन सिंह जी जसोल द्वारा मंदिर शिखर पर ध्वजारोहण किया गया। इस दौरान छत्तीशी कौम के प्रबुद्धजन मौजूद रहे। इन विशेष कार्यक्रमों के दौरान मालाणी सांस्कृतिक कला केंद्र जसोल के गैर नृत्यकारों ने शानदार प्रस्तुति दी। जिसे देख उपस्थित भक्तगण भाव विभोर हुए।
जसोलधाम भोजनशाला का लोकार्पण
मेले के दौरान महंत श्री श्री 1008 महंत श्री गणेशपुरी जी महाराज के पावन सानिध्य में श्री राणी भटियाणी मंदिर संस्थान, जसोल द्वारा सात दिवसीय निःशुल्क संचालित होने वाली जसोलधाम भोजनशाला का लोकार्पण किया गया। इस शुभ अवसर पर महंत श्री तुलछाराम जी महाराज ब्रह्म तीर्थ आसोतरा, गुरु महाराज श्री गोपालराम जी गढ़ सिवाना एवं महंत गणेशपुरी जी महाराज का विशेष सानिध्य प्राप्त हुआ। लोकार्पण उपरांत राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, मध्यप्रदेश, गुजरात सहित विभिन्न राज्यों से आए हज़ारों पशुपालकों ने महाप्रसाद ग्रहण कर पुण्य लाभ अर्जित किया। भोजनशाला लोकार्पण कार्यक्रम का शुभारंभ सर्व समाज की कन्याओं का पूजन कर उन्हें प्रसाद एवं दक्षिणा देकर किया गया।
रावल श्री मल्लीनाथ जी और श्री राणी रूपादे जी का जीवन प्रत्येक मनुष्य के लिए प्रेरणादायक
संस्थान अध्यक्ष रावल श्री किशन सिंह जी जसोल ने श्री रावल मल्लीनाथ जी और श्री राणी रूपादे जी के प्रेरणादायक जीवन, भक्ति एवं शक्ति के मार्ग का गुणगान किया गया। इस पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए संस्थान अध्यक्ष ने कहा कि श्री रावल मल्लीनाथ जी और श्री राणी रूपादे जी के विचार सामजिक एकता और मानवता का संदेश देते हैं। रावल श्री मल्लीनाथ जी और श्री राणी रूपादे जी ने जो आदर्श स्थापित किए हैं, वे हम सभी के लिए प्रेरणादायक हैं। ये भूमि वीर योद्धाओं व महान तपस्वी संतों की है। यहां रावल श्री मल्लीनाथजी एवं श्री राणी रूपादे जी ने 700 वर्ष पूर्व सन्तों का समागम करवाया था। जिसमें श्री राणी रूपादे जी के गुरु श्री उगमसी भाटी, गुरु भाई मेघधारूजी, संत शासक महाराणा कुंभा व उनकी रानी (मेवाड़), बाबा रामदेव जी रामदेवरा (पोखरण), जैसल धाड़वी व उनकी रानी तोरल (गुजरात) सहित समकालीन संतो ने भाग लिया था और समरसता, धर्म व सत्य मार्ग की जोत जगाई थी, जो उनके भजनों के माध्यम से राजस्थान व गुजरात में बसे उनके अनन्य भक्तों में मन में आज भी प्रज्वलित है।
*पशुपालन को बढ़ावा देने का संकल्प*
मंत्री श्री जोराराम कुमावत ने मेले के पुनरोद्धार के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने कहा कि इस मेले की तर्ज पर राजस्थान के हर जिले में पशु मेलों का आयोजन किया जाएगा, जिससे पशुपालकों को लाभ मिलेगा। केंद्र सरकार द्वारा धार्मिक स्थलों के करवाए जा रहे विकास कार्यों के साथ-साथ 144 वर्षों बाद आयोजित महाकुंभ की सफल व्यवस्थाओं की भी सराहना की।
*धार्मिक संदेश*
कार्यक्रम में महंत श्री तुलछाराम जी महाराज, श्री गोपालराम जी महाराज और महंत श्री गणेशपुरी जी महाराज ने धर्म के प्रति संदेश एवं आशीर्वचन दिए।
*यह रहे मौजूद*
इस शुभ अवसर पर श्री रावल मल्लीनाथ श्री राणी रूपादे संस्थान समिति सदस्य कुंवर हरिश्चंद्र सिंह जसोल, सचिव सुमेरसिंह वरिया, श्री राणी भटियाणी मंदिर संस्थान जसोल सचिव गजेंद्रसिंह जसोल, पचपदरा विधायक अरुण चौधरी, बालोतरा भाजपा जिलाध्यक्ष भरत भाई मोदी, भाजपा वरिष्ठ नेता भवानीसिंह टापरा सहित संस्थानों के ट्रस्टीगण, समिति सदस्यगण एवं छत्तीशी कौम के प्रबुद्धजन मौजूद रहे।