बालोतरा, 12 फरवरी। राजस्थान सरकार मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के कुशल नेतृत्व में विवाह में अपव्यय को रोकने और सामूहिक विवाह को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह एवं अनुदान योजना 2021 का सफलतापूर्वक संचालन कर रही है।
महिला अधिकारिता विभाग के उप निदेशक प्रहलाद राजपुरोहित ने जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना के तहत प्रत्येक नवविवाहित जोड़े को कुल ₹25,000 का अनुदान दिया जाता है। योजना का उद्देश्य केवल विवाह में फिजूलखर्ची को रोकना ही नहीं, बल्कि बाल विवाह पर अंकुश लगाना भी है।
कैसे मिलेगा योजना का लाभ?
योजना के तहत सामूहिक विवाह उन्हीं आयोजनों को माना जाएगा, जिनमें 10 से 500 जोड़ों का विवाह एक ही स्थान पर संपन्न कराया जाता है। इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए आयोजनकर्ता संस्था को शादी के कम से कम 15 दिन पहले ऑनलाइन आवेदन करना अनिवार्य है। आवेदन राजस्थान सिंगल साइन ऑन (SSO) पोर्टल के माध्यम से किया जा सकता है।
कौन कर सकता है आवेदन?
केवल राजस्थान संस्था अधिनियम, 1958 अथवा सोसायटी रजिस्ट्रेशन अधिनियम, 1860 के तहत पंजीकृत संस्थाएं ही इस योजना का लाभ उठा सकती हैं।
दूल्हा-दुल्हन में से कम से कम एक व्यक्ति का राजस्थान का मूल निवासी होना जरूरी है।
आवेदकों को आधार कार्ड, आयु प्रमाण पत्र, विवाह आयोजन स्थल के प्रमाण-पत्र, वधु की बैंक पासबुक, जनाधार कार्ड आदि आवश्यक दस्तावेज संलग्न करने होंगे।
कैसे मिलेगा अनुदान?
विवाह के 60 दिनों के भीतर विवाह पंजीयन प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने पर प्रत्येक संस्था को प्रति जोड़ा ₹4,000 और प्रत्येक वधु को ₹21,000 का अनुदान दिया जाएगा।
सरकार की यह पहल न केवल समाज में दहेज प्रथा और बाल विवाह जैसी कुरीतियों को खत्म करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि गरीब परिवारों को विवाह के भारी खर्च से भी राहत दिलाने में सहायक साबित हो रही हैं।