प्रयागराज, महापूर्ण कुंभ 2025 – 144 वर्षों बाद बने दुर्लभ संयोग के अंतर्गत महापूर्ण कुंभ प्रयागराज में श्री राणी भटियाणी मन्दिर संस्थान, जसोल द्वारा मौनी अमावस्या सहित विभिन्न पावन दिवसों के अवसर पर एक विशाल सेवा कार्य किया गया। इन पुनीत अवसरों पर संस्थान द्वारा 11,000 धर्म प्रेमियों एवं संतों को कंबल वितरित किए गए। संस्थान के समिति सदस्य कुं. हरिश्चंद्र सिंह जसोल ने इस सेवा कार्य का नेतृत्व करते हुए जरूरतमंद श्रद्धालुओं को कंबल वितरित किए।
*संस्थान का उद्देश्य*
संस्थान अध्यक्ष रावल किशन सिंह जसोल ने बताया कि संस्थान के मूल उद्देश्यों में से एक मानव सेवा के तहत मां जसोल के असंख्य भक्तों की ओर से संस्थान द्वारा इस महापूर्ण कुंभ के उपलक्ष में मौनी अमावस्या सहित विभिन्न दिवसों के पावन अवसरों पर यह नेक एवं पवित्र जनहितार्थ मानव सेवा कार्य किया गया।
*सराहनीय पहल*
गौरतलब है कि महापूर्ण कुंभ एक धार्मिक महासंगम है, जहां करोड़ों श्रद्धालु एकत्र होकर गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में स्नान कर पुण्य अर्जित करते हैं। इस वर्ष कुंभ का आयोजन ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि 144 वर्षों बाद यह दुर्लभ संयोग बना है, जिसमें सनातन धर्म प्रेमियों एवं साधु- संतों का अद्भूत संगम हो रहा है। इस पवित्र महासंगम में श्री राणी भटियाणी मन्दिर संस्थान - जसोल द्वारा किया गया, यह सेवा कार्य सराहनीय पहल के रूप में देखा जा रहा है।
*मानवता की सेवा ही सच्ची ईश्वरीय सेवा*
संस्थान द्वारा जनहितार्थ किए गए धार्मिक कार्य को लेकर पंच दशनाम जूना अखाड़ा के अंतर्राष्ट्रीय प्रवक्ता महंत श्री नारायणगिरी जी महाराज ने कहा कि महापूर्ण कुंभ में सर्दी से बचाव हेतु जरूरतमंदों को जनहितार्थ कंबल वितरित करना बहुत ही बड़ा नेक एवं सराहनीय कार्य है, जिसको लेकर में जूना अखाड़ा एवं संत समाज की ओर से संस्थान के अध्यक्ष रावल किशन सिंह जसोल सहित संस्थान के समस्त ट्रस्टीगण एवं संस्थान प्रबंधन समिति को साधुवाद एवं धन्यवाद ज्ञापित करता हूं। साथ ही कहा कि मानवता की सेवा ही सच्ची ईश्वरीय सेवा है, नर सेवा ही नारायण सेवा है। मानव सेवा से हम दूसरों की मदद कर उनके जीवन में सुख और समृद्धि ला सकते हैं। सनातन धर्म में सेवा का अहम महत्व है, जो धर्म के बताए गए मार्ग के अनुरूप है।