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मां दुर्गा भक्तों के कष्ट जल्द दूर करती हैं एवं इनकी उपासना से असंभव कार्य भी संभव हो जाते है : रावल किशन सिंह जसोल

जसोलधाम शक्तिपीठ में मां दुर्गा के आठवें रूप की हुई अराधना

महागौरी की पूजा से धन और सुख-समृद्धि बढ़ती - महंत नारायण गिरी


जसोल/बालोतरा: शारदीय नवरात्र के अष्ठम दिवस पर माता जगतजननी जगदंबे के आठवें स्वरूप मां महागौरी की पूजा आराधना की गई। संत महामंडल अध्यक्ष दिल्ली (एन.सी.आर.) व जूना अखाड़ा अंतर्राष्ट्रीय प्रवक्ता तथा दुधेश्वर महादेव मंदिर (गाजियाबाद) महंत नारायण गिरी के पावन सानिध्य में संस्थान अध्यक्ष रावल किशन सिंह जसोल ने शुक्ल यजुर्वेद के पद, क्रम, जटा व घन के पांच अध्याय परायण पाठ, श्री शुक्त, पुरुशुक्त, रुद्र्शुक्त व दुर्गासप्तशती के पाठ, श्री गणेश अथर्वशीर्ष वैदिक मंत्रोच्चारण व होमअष्टमी पर विशेष हवन कर पूरे विधि-विधान से मां दुर्गा के आठवें स्वरुप मां महागौरी की आराधना की। यज्ञशाला में जसोल सर्व समाज के बारह सपत्नीक जोड़ो ने जसोल मां के अनन्य भक्तगणों के जीवन में खुशहाली, सम्पूर्ण मनोकामना पूर्ति व कल्याणार्थ हेतु आहुतियां दी। इस दौरान महंत नारायण गिरी ने कहा कि आदि शक्ति देवी दुर्गा के आठवें स्वरूप मां महागौरी की पूजा करने से सभी ग्रहदोष दूर हो जाते हैं। मां महागौरी का ध्यान-स्मरण, पूजन-आराधना से दांपत्य सुख, व्यापार, धन और सुख-समृद्धि बढ़ती है। मनुष्य को सदैव इनका ध्यान करना चाहिए। इनकी कृपा से अलौकिक सिद्धियों की प्राप्ति होती है। संस्थान अध्यक्ष रावल किशन सिंह जसोल ने कहा कि माँ भक्तों के कष्ट जल्दी ही दूर कर देती हैं एवं इनकी उपासना से असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं। माँ मनुष्य की वृतियों को सत्य की ओर प्रेरित करके असत्य का विनाश करती हैं। भक्तों के लिए यह देवी अन्नपूर्णा का स्वरूप हैं, इसलिए अष्टमी के दिन कन्याओं के पूजन का विधान है। ये धन, वैभव, अन्न-धन और सुख-शांति की अधिष्ठात्री देवी हैं। 

अन्नपूर्णा प्रसादम व छप्पन भोग लाभ
संस्थान द्वारा शुरू की गई अन्नपूर्णा एवं छप्पन भोग लाभ योजना के तहत आश्विन शुक्ल अष्टमी को भोजन प्रसादी (अन्नपूर्णा प्रसादम) एवं छप्पन भोग का लाभ नीरज जैन परिवार की और से लिया गया। जिसके तहत मालाणी सांस्कृतिक कला केन्द्र जसोल के स्थानीय गैर नृत्य कलाकारों की नृत्य प्रस्तुति के साथ मंदिर प्रांगण स्थित समस्त मंदिरों में लाभार्थी परिवार द्वारा अन्नपूर्णा प्रसादम एवं छप्पन व्यंजनों का भोग लगाया गया तथा जसोल सर्व समाज की कन्याओं का पूजन कर उन्हे अन्न प्रसादम करवाया गया। 

यह रहे मौजूद
इस दौरान संस्थान समिति सदस्य कुं. हरिश्चन्द्रसिंह जसोल, गुलाबसिंह डंडाली, जोगसिंह असाड़ा, नीरज, राधे श्याम, भरत, देवी जैन, रितिका मेवाड़ा सहित जसोल मां के अनन्य भक्तगण मौजूद रहे।