विश्व विख्यात पालियाधाम में मां रूपादे के दर्शनों ने मन को मोहा
शाइन टुडे@तिलवाड़ा न्यूज: -
श्री राणी रूपादे मंदिर (पालिया) जगतगुरु शंकराचार्य श्री नरेंद्रानंद सरस्वती जी महाराज सुमेरूपीठ (काशी) पधारे। मंदिर पधारने पर श्री रावल मल्लीनाथ श्री राणी रूपादे संस्थान अध्यक्ष रावल किशनसिंह जसोल व कुंवर हरिश्चन्द्रसिंह जसोल ने संस्थान की ओर से भव्य स्वागत किया। इस दौरान शंकराचार्य श्री नरेंद्रानंद सरस्वती जी ने समस्त सनातन धर्मप्रेमियों को संबोधित करते हुए कहा कि ईश्वरीय भावना का मतलब है कि ईश्वर आपके साथ है या वह आपके हदय में विराजित है। जब कोई असंभव कार्य होता है और उसे करते हुए आपको एक नई शक्ति का अनुभव होता है, वह नई ऊर्जा आज आपके भीतर घूम रही है, जिससे वह कार्य संभव हो पाया है। इस ऊर्जा शक्ति को ईश्वर का अनुभव कहा जाता है। जब कोई चमत्कार जैसा कार्य आपके सामने होता है, आपकी कुछ प्रार्थना स्वीकार होती है, यह सब ईश्वर की अनुभूति होती है। उन्होंने कहा कि विश्वविख्यात तिलवाड़ा में स्थित पालियाधाम जंहा मां रूपादे जी, मालाजाल में मालाणी के महादेव श्री रावल मल्लीनाथ जी के दर्शनों से आनन्द की अनुभूति होती है। माँ रूपादे के सामाजिक समरसता के सन्देश आज भी जीवन को नई दिशा देते है। उन्होंने कहा कि रावल किशनसिंह जसोल ने जिस प्रकार अपने क्षेत्र व अपने पूर्वजों के धार्मिक स्थलों का विकास करवाया उसके लिए में उनको साधुवाद देता हूँ। यदि कोई कार्य करने की ठान लेते है, तो उसे उसी नीति संगत से पूरा कर समाज में अपना उदाहरण पेश करते है। समय समय पर रावल साहब के मार्गदर्शन में संस्थान ने अनेको सामाजिक कार्यों का निर्वहन किया है। साथ ही कहा कि दर्शन के दो अलग-अलग अर्थ हैं। एक है चक्षु दर्शन अर्थात अपनी आंखों से ईश्वर को देखना। यह संभव नहीं है, क्योंकि देखने के लिए कोई वस्तु और उसका आकार होना चाहिए, ईश्वर निराकार है। ऐसे में हम दर्शन को चक्षु दर्शन नहीं कह सकते। यहां दर्शन का अर्थ दार्शनिक चिन्तन है। आप अपने अवचेतन मन से ईश्वर के स्वरूप को समझने की कोशिश करें और जाने कि आत्मा और परमात्मा एक हैं। यह एकता ही ईश्वर है। इसे कहते हैं ईश्वर के दर्शन। दर्शन के विशेष लाभ हैं जो हमारी समझ से परे हैं। इस विषय में गहराई से गोता लगाएं और इसकी सुंदरता और महत्व को समझें और जानें कि कैसे एक ईश्वर-रूपी साक्षात गुरु से यह दुर्लभ आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है।
*गौसेवा देख हुए अभिभूत*
जगतगुरु शंकराचार्य श्री नरेंद्रानंद सरस्वती जी महाराज मालाणी क्षेत्र की धार्मिक यात्रा पर है जिसके तहत आज पालियाधाम व मालाणी के महादेव श्री रावल मल्लीनाथजी (मालाजाल) के दर्शन उपरांत श्री मल्लीनाथ गौशाला समिति पधारे। गौशाला पधारकर गायों को हरा चारा व गुड़ खिलाया तथा गौशाला में गौमाता के सेवा कार्यों व व्यवस्थाओं का अवलोकन करते हुए समिति अध्यक्ष रावल किशनसिंह जसोल को समिति के द्वारा करवाए जा रहे इस नेक सनातन धार्मिक कार्य के लिए शुभाषीश दिया।