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सिवाना विधान सभा में यही हाल रहा तो कभी नहीं जीत पाएगी कांग्रेस


कांग्रेस नेताओं के बीच गुटबाजी, पैरवी और वर्चस्व की जंग 

रिपोर्ट: अजरूद्दीन, सिवाना
शाइन टुडे@सिवाना न्यूज: भारत जोड़ो यात्रा अब अपने समापन के बाद कांग्रेस ने 'हाथ से हाथ जोड़ो यात्रा' शुरू की है. यात्रा का उद्देश्य राहुल गांधी का संदेश घर-घर तक पहुचाना है वही हाथ से हाथ जोड़ो अभियान के दौरान ही कांग्रेस नेताओं के हाथ से हाथ छूटते हुए नजर आ रहे हैं। तो राहुल गांधी का संदेश जनता तक कैसे पहुंच पाएगा. 
बता दें कि सिवाना विधानसभा क्षेत्र में कांगसे 20 साल से हार का स्वाद चख रही, ओर कांग्रेस में गुटबाजी का दौर थम नहीं पा रहा है। गुटबाजी वर्चस्व की जंग के बीच सिवाना में कांग्रेस की सियासी नैया पार लगाने का फॉर्मूला शायद ही होगा है, क्योंकि कांग्रेस का पुरा संगठन बिखरा पड़ा नजर आ रहा हैं। सिवाना की मौजूदा राजनीतिक हालात में कांग्रेस की नैया लगातार डूबती जा रही है. इस डूबती हुई नैया को कौन?  किनारे पार लगा पाएगा ? अपने आप में महत्वपूर्ण सवाल है। कांग्रेस को बीजेपी  से मुकाबला करने की दिशा में कई सियासी चुनौतियां हैं, क्योंकि खुद कांग्रेस नेता एक दुसरे को काटने में लगे हुए हैं जिनसे पार पाए बिना संभव नहीं है. लगातार हार से निराशा के बीच गुटबाजी में कांग्रेस का कैडर को कैसे रिवाइव करेंगे. नेताओं की गुटबाजी से कांग्रेस का संगठन बिखरा पड़ा है और जनाधार खिसक चुका है. ऐसे में गुटबाजी के बीच कांग्रेस की इन कमियों को कैसे दूर कर बीजेपी के ख़िलाफ़ लड़ेंगी । सिवाना में जीत के लिए कांग्रेस हाईकमान को गुटबाजी खत्म करने के लिए नेताओं की नकेल जरूर कसनी होगी ।
जानकारों का मानना है कि क्षेत्र में कांग्रेस की जीत का परचम तभी लहराया जा सकता है, जब कांग्रेस के सभी नेता एकजुट होकर यहां से कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में एकमत हो और पार्टी की जीत के लिए काम करें. हालांकि ऐसा हो पाना टेढ़ी खीर है. अगर कांग्रेस में पिछले विधान सभा चुनावों की तरह ही गुटबाजी रहती है तो निश्चित ही यहां पर पार्टी को आगामी विधान सभा चुनावों में इसका खामियाज़ा भुगतना पड़ सकता है।