रिपोर्ट @अजरूद्दीन
शाइन टुडे जोधपुर न्यूज : कहते हैं कि दृढ़ इच्छा और दिल में आगे बढ़ने की लग्न हो तो राहें अपने आप आसान हो जाती है। यह कहावत ग्रामीण परिवेश के रहने वाली एक होनहार उर्मिला राठी पर चरितार्थ होती है। जिन्होंने जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय (जेएनवीयू) में शोधार्थी जोधपुर से पीएचडी की डिग्री हासिल माता पिता व गांव ,क्षेत्र का नाम रोशन किया है। जानकारी के मुताबिक उर्मिला गांव की एकमात्र महिला है जिन्होंने लाॅ में "आपराधिक न्याय व्यवस्था एवं महिलाएं भारत के नवीन परिप्रेक्ष्य" पीएचडी की है। बंता दें उर्मिला ने प्रारंभिक शिक्षा मथानिया से ग्रहण की. छोटे से गांव मथानिया से उन्होंने 10 वीं व 12 वीं उतीर्ण की. उर्मिला ने ग्रेजुएशन के बाद जय नारायण विश्वविद्यालय जोधपुर से लॉ की पढ़ाई की. लॉ सेक्टर में काम शुरू किया. लॉ सेक्टर में काम करते हुए भी समय निकालकर दिन रात मेहनत कर पीएचडी की तैयारी में लगी रही।
उर्मिला ने बताया कि लाॅ पीएचडी में उनका विषय "आपराधिक न्याय व्यवस्था एवं महिलाएं भारत के नवीन परिप्रेक्ष्य" में एक विश्लेषणात्मक अध्ययन पर था । इसके लिए समय-समय रिसर्च एवं अध्ययन करना बहुत कठीन एवं क पेचीदा था. परन्तु हार नहीं मानते हुए लॉ सेक्टर अपने काम के साथ-साथ समय निकलकर यह कार्य पूरा कर उन्होंने संबंधित पीएचडी पूरी की। उर्मिला राठी ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता व अपने गाइड प्रोफेसर डॉ. चंद्रबाला को दिया है जिनके मार्गदर्शन व आशीर्वाद से उन्होंने यह मुकाम हासिल किया है।