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सिवाना उपखंड अधिकारी पर अधिवक्ताओं ने लगाए आरोप।


अधिवक्ताओं ने आरोप लगाएं की सिवाना उपखंड अधिकारी न्याय प्रक्रिया में सहयोग नहीं करने, हमारे साथ अशोभनीय व्यवहार करने पर हम असंतुष्ट होकर नए कार्यों में उपस्थिति दर्ज नहीं करवाने की बात कही

सिवाना(बाड़मेर): सिवाना अभिभाषक संघ सिवाना जिला बाड़मेर की ओर से आज अधिवक्ताओं द्वारा सिवाना उपखंड अधिकारी के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए मुख्य सचिव, शासन सचिवालय, जयपुर एवं जिला कलेक्टर बाड़मेर को नए कार्यों में उपस्थित दर्ज नहीं करने की बात करते हुए ज्ञापन दिया हैं। 
अधिवक्ताओं ने ज्ञापन में आरोप लगाएं की
 सिवाना के उपखण्ड अधिकारी द्वारा गत कुछ समय से सहायक कलेक्टर सिवाना के तौर पर भी राजस्व न्यायालय के प्रकरण में सुनवाई की जा रही जिसमें अधिवक्ताओं के साथ सम्मान जनक व्यवहार नही किया जाकर पेश होने वाले प्रकरणो में सुनवाई नहीं की जा रही है।
वही आरोप लगाया की न्यायालय समय में भी अधिवक्ताओं को न्यायालय में बेठने के लिये कुर्सीयों इत्यादि की व्यवस्था न कर न्यायालय में रखी गई कुर्सीयों को भी हटाया जाकर, अधिवक्ताओं को खडे रहने के लिये मजबूर किया जा रहा है, जिनके लिये टेबल इत्यादि की व्यवस्था नही की जा रही है, जिस बाबत उपखण्ड अधिकारी को ध्यान में लाने पर उनके द्वारा कोई आवश्यक कार्यवाही नही करने पर अधिवक्ताओं में भारी रोष है।
अधिवक्ताओं ने यह भी आरोप लगाया की पुराने राजस्व प्रकरण में सिनीयर अधिवक्ता की अनुपस्थिती में जुनियर अधिवक्ता द्वारा न्यायिक प्रक्रिया में सहयोग करने के लिये उपस्थिती दी जाने पर सम्मान जनक व्यवहार नही कर, पत्रावली अदम हाजरी अदम पैरवी में निस्तारित कर की जा रही है, तथा एकपक्षीय कार्यवाही अमल में लाई जाकर बेवजह राजस्व प्रकरण को बढाया जा रहा है।
साथ ही बताया की पीठासीन अधिकारी द्वारा राजस्व प्रकरण में नियत समय 02 बजे सुनवाई का समय तय कर 02 बजे के वक्त उपस्थित नही होने पर एवं अधिवक्ता महज 2.15 बजे भी न्यायालय में पहूंच जाने के बावजुद भी पीठासीन अधिकारी की हठधर्मिता से प्रकरण एकतरफा कार्यवाही करते हुए प्रकरण को अदम पैरवी में खारिज कर दिया जाता है।
यह भी आरोप लगाया की पीठासीन अधिकारी द्वारा गार्ड बुलाकर अधिवक्ताओ को न्यायालय समय में न्यायालय परिसर से बाहर भेजने की धमकी दी जाती है ।

अधिवक्ताओं ने ज्ञापन में यह की कहा कि
उपखण्ड अधिकारी कार्यालय में पीठासीन अधिकारी द्वारा स्वयं के बनाये गये नियमो को अधिवक्ताओ के उपर थोपा जा रहा है। विधि अनुसार बनाये गये कानून का पालन न्यायालय में नही किया जा रहा है। वही न्यायालय में सुनवाई के दरमियान न्यायालय परिसर में अधिवक्ताओ के बैठने की टेबल कुर्सियो की व्यवस्था नही होने पर पीठासीन अधिकारी को ध्यान दिलाने पर पीठासीन अधिकारी द्वारा अधिवक्ताओ के साथ अशोभनीयता पूर्ण व्यवहार करते हुए कहा गया कि इस बारे में विचार किया जायेगा। साथ ही आदेशित शब्दो में कहा कि आप पहले सुनवाई में सहयोग करे 

(फर्स पर नीचे बैठे सिवाना बार के अधिवक्ता)


अधिवक्ताओ ने कहा कि पीठासीन अधिकारी द्वारा उनके समक्ष पेश राजस्व प्रकरण में भी आवश्यक प्रकृति के प्रकरणो में अविलम्ब सुनवाई नही कर, प्रकरण को सात रोज की अवधि में दर्ज किया जाता है, तथा आवश्यक प्रकृति में भी न्यायिक प्रकिया के तहत सुनवाई न कर, अन्तरिम स्थगन आदेश बाबत न्यायोचित आदेश जारी नही करते हुए पेश हुए प्रकरण में सात रोज तक प्रकरण को दर्ज नही किया जाता है, तथा नये प्रकरण दर्ज किये जाकर भी एक एक माह की अवधि की तारीखे सुनवाई हेतु दिये जाने से गरीब पीडित काश्तकारो का न्याय नही मिल पा रहा है तथा पिडित पक्षकार न्यायालय के आदेशो के विरूद्ध अपीलीय अधिकारी के समक्ष अपील पेश करने से भी महरूम रह रहे है।
अधिवक्ताओ ने ज्ञापन देते हुए समस्याओ का समाधान पीठासीन अधिकारी के जरीये करवाया जावे की बात कही। अन्यथा समस्याओ का निराकरण नहीं होने पर
बार संघ सिवाना एवं समस्त अधिवक्ताओ द्वारा आगामी सुनवाई तक न्यायालय के समक्ष उपस्थिति दर्ज नही करवाई जायेगी। 

"अधिवक्ता सभ्य कौम है, अगर कोई कुर्सियों को लेकर समस्या है तो आकर बात करें, कार्यालय में आने वाले सभी लोगों के काम होते हैं।" 
दिनेश विश्नोई, एसडीएम,सिवाना।