सिवाना(बाड़मेर): सिवाना कस्बे का 1003 वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया । सर्व प्रथम अलसुबह ऐतिहासिक दुर्ग पर ध्वजारोहण किया गया । उसके बाद सिवाना के संस्थापक वीर नारायण की मूर्ति पर माल्यर्पण किया गया । इतिहास व्याख्यता जालम सिंह पिपलून ने बताया कि 1077 में सिवाना दुर्ग की स्थापना वीर नारायण परमार द्वारा की गई थी । सिवाना दुर्ग पर वीर नारायण परमार,सोम व शातल चौहान,सज्जन जी भायल व रावल भायल,राव मालदेव,वीर कल्ला रायमलोत आदि शासकों ने शासन किया । इन सभी के शासन की सिवाना में ही नही पूरे मारवाड ने महत्ता है । सिवाना के ऐतिहासिक दुर्ग पर हाड़ी रानी का महल,कल्ला राय मलोत स्मारक,भेरुजी मंदिर,माताजी मंदिर,महादेव मंदिर,भांडेलाव तालाब,
श्रृंगार चौकी,भव्य प्रवेश द्वार सहित प्राचीन झरोखे सहित भवन बने हुए है । भायल ने बताया कि हमे अपने पुराने इतिहास को नही भूलना चाहिए और आने वाली पीढ़ी को अपने सुनहरे इतिहास की जानकारी प्रदान करनी चाहिए । शिक्षविद जसवंत सिंह पादरली ने बताया कि सिवाना दुर्ग सामरिक द्रष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण रहा है । यह दुर्ग मारवाड़ के शासकों का संकटकालीन दुर्ग था । इस दुर्ग में 2 शाके हुए पहला साका 1308 ईसवी में सोम-शातल चौहान के समय वही दूसरा साका 16 वीं सदी में वीर कल्ला रायमलोत के समय हुआ । इस अवसर पर महेंद्र छाजेड़, सुरेन्द्र सिंह पादरली, नरेंद्र सिंह सिवाना, मुला राम चोधरी, मदनसिंह जिनपुर, पिंटू सिंह मवड़ी, नर्सिंग पाल सिंह सरवड़ी, यशपाल सिंह पादरली,दलपत सिंह सिवाना, विक्रम सिंह पिपलून सहित ग्रामीण मौजूद रहे ।