सिवाना कस्बे के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय संख्या 1 व राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय मैला मैदान में शनिवार को मानव सेवा संस्था की और से मुख्य अतिथि एसीबीईओ हनुमानराम चौधरी, विशिष्ठ अतिथि जिलाध्यक्ष कैलाश सिंह राजपुरोहित ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
बच्चों को भोजन,शिक्षण सामग्री, ड्रेस वितरण की
विद्यालय में बच्चों को भोजन, शिक्षण सामग्री, व स्कूल ड्रेस वितरण की गई। पौधरोपण भी किया गया। इस अवसर मानव सेवा संस्था के बाड़मेर जिलाध्यक्ष कैलाश सिंह राजपुरोहित ने संस्था सेवा परमो धर्म के उद्देश्य से निर्धन,असहाय, दिव्यांग व जरूरतमंद की सहायता के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं। सेवा से बड़ा कोई परोपकार इस विश्व में नहीं है, जिसे मानव सहजता से अपने जीवन में अंगीकार कर सकता है। प्रारंभिक शिक्षा से लेकर हमारे अंतिम सेवा काल तक सेवा ही एक मात्र ऐसा आभूषण है, जो हमारे जीवन को सार्थक सिद्ध करने में अहम भूमिका निभाता है। बिना सेवा भाव विकसित किए मनुष्य जीवन को सफल नहीं बना सकता। हम सभी को सेवा के इस महत्व को समझकर दूसरों को भी जागरूक करने की पहल करनी चाहिए। सेवा परमो धर्म ही मेरे जीवन का मुख्य उद्देश्य है।
एसीबीईओ हनुमानराम चौधरी ने कहा की जीवन मूल्यों में संस्कारों का बड़ा महत्व है। ऐसा ही एक संस्कार है सेवा का भाव। नि: स्वार्थ भाव से यथासंभव जरूरतमंद की मदद करना, सेवा करना हमारे संस्कारों की पहचान कराता है। तन, मन और वचन से दूसरे की सेवा में तत्पर रहना स्वयं इतना बड़ा साधन है कि उसके रहते किसी अन्य साधन की आवश्यकता ही नहीं रहती। संख्या 1 के प्रधानाध्यापक मदनलाल ने कहा कि मानव समाज के हृदय के अंदर हमेशा सेवा भाव होना अति आवश्यक है सेवाभाव से जहा समाज के अंदर फैली कुरीतियां समाप्त होती हैं वही आपसी सौहार्द, अमन चैन शाति के साथ -साथ समाज का विकास भी होता है।
भगाराम मेघवाल ने कहा कि हमे मानवता को भूलना नहीं चाहिए। मानव समाज में सबसे कमजोर दबे, कुचले, गरीबों और जरूरतमंदों लोगों की सेवा ही असली पूजा है। वास्तव में सेवा भाव है कर्म नहीं। इस कारण प्रत्येक परिस्थिति में योग्यता, रुचि तथा सामर्थ्य के अनुसार सेवा हो सकती है। सच्चे सेवक की दृष्टि में में कोई भी गैर नहीं होता।
जवाहरलाल राजपुरोहित ने कहा कि समाज के सुंदर निर्माण और भविष्य में उन्नति के लिए बच्चे में सेवा-भाव का विकास करना अत्यंत आवश्यक है। प्रधानाध्यापक किशनलाल गर्ग ने कहा कि सेवा-भाव को विकसित करने के लिए परिवार सबसे सुन्दर संस्था है। अभिभावकों का दायित्व है कि वह स्वयं बच्चों के सामने अपने आचरण से ऐसा उदाहरण प्रस्तुत करें जिसे देखकर बच्चों में सेवा भाव का संस्कार पैदा हो।
यह रहे मौजूद -
जीव सिंह राजपुरोहित,चुन्नीलाल, राजू सिंह सोढ़ा लुदराडा,गणपत सिंह राजपुरोहित, राजेंद्र कुमार सरगरा, तरुण सुंदेशा, नरपत खान, मिठालाल, हामिद खान, अशोक कुमार शर्मा,जफर खान, संदीप विश्नोई, रणजीत माली, सहित विद्यालयों के अध्यापकगण मौजूद रहे।