रिश्तेदार मृत व्यक्ति का भी करा सकते है नेत्रदान : डा मसूरिया
शाइन टुडे@ न्यूज नेटवर्क
बाड़मेर। राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा लव योर आई थीम कार्यक्रम के तहत राजकीय चिकित्सालय के नेत्र विभाग में आयोजित नेत्रदान व नेत्र जांच शिविर के दौरान करीब एक हजार मरीजों के आंखों की जांच की गई। शिविर एकके दौरान मरीजों को आंखों की सेफ्टी संबंधित जानकारी के साथ कोर्नियर अल्सर, मोतियाबिंद इत्यादि की जांच की गई। कार्यक्रम का आयोजन लायंस क्लब मालानी व राजकीय चिकित्सालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया।
इस अवसर पर पीएमओ डा बीएल मसूरिया ने नेत्रदान को महादान बताते हुए कहा कि यदि किसी व्यक्ति के द्वारा जीवन में नेत्रदान की घोषणा न की गई हो। फिर भी उनके रिश्तेदार मृत व्यक्ति का नेत्रदान करा सकते हैं। केवल ऐसे मृत शरीर से ही नेत्रदान लिया जा सकता हैं, जिन्हें गंभीर बीमारी नही है। रैबीज, टिटनस, सर्पदंश, जहर, डूबकर या जलकर, फांसी लगाकर, एड्स, हेपेटाइटिस, लेप्रोसी, आंख का कैंसर, ब्लड कैंसर से ग्रसित व्यक्ति का नेत्रदान उपयुक्त नहीं होता है।
नेत्र रोग विशेषज्ञ डा प्रीति सिंह व डा शक्ति कृष्ण राजगुरु ने बताया कि आमतौर पर लोग सामाजिक एवं धार्मिक मिथक की वजह से अपनी आँखें दान नहीं करते हैं। जबकि एक व्यक्ति के नेत्रदान से दो नेत्रहीन व्यक्तियों की आँखों में रौशनी लाई जा सकती है । इसलिए नेत्रदान को महादान भी कहा जाता है। पंजीकृत नेत्रदान बनने के लिए घोषणा पत्र भरना होता है। कॉर्निया को मृत्यु के 4 से 6 घंटे के भीतर निकाला जाना चाहिए। इसे निकालने में केवल 10 से 15 मिनट लगते हैं तथा चेहरे पर कोई निशान एवं विकृति नहीं होती। नेत्रदान से केवल कॉर्निया से नेत्रहीन व्यक्ति ही लाभान्वित हो सकते हैं।
लायंस क्लब मालानी के पूर्व जॉन चेयरमैन इंद्रप्रकाश पुरोहित ने बताया कि क्लब द्वारा आमजन को नेत्रदान के लिए जागरूक कर प्रेरित किया जा रहा है। क्लब द्वारा पखवाड़े के बाद भी रक्तदान और नेत्रदान की मुहिम जिले भर में लगातार जारी रहेगी।
शिविर के दौरान एक हजार मरीजों की हुई जांच: नर्सिंग अधिकारी संतोष चौधरी ने बताया कि नेत्रदान पखवाड़ा के विशेष नेत्र जांच एव जागरूकता कार्यक्रम के तहत 25 सितंबर से अब तक करीब एक हजार मरीजों के नेत्र जांच कर आंखों की सेफ्टी के बारे में समझाइश की गई। टेक्नीशियन विक्रम सोलंकी ने बताया कि पखवाड़े के तहत कोर्नियल अल्सर, मोतियाबिंद के मरीज भी पाए गए। पखवाड़े के तहत दस मरीजों के मोतियाबिंद का ऑपरेशन कर उपचार किया गया।
नेत्रदान पखवाड़ा कार्यक्रम का समापन आज: लायंस क्लब के सचिव अबरार मोहम्मद ने बताया कि नेत्रदान पखवाड़ा के अंतिम दिन यानी गुरुवार को आमजन से नेत्रदान का संकल्प दिलाते हुए शपथ पत्र भराया जाएगा। ताकि अंधता के विरुद्ध नेत्रहीन व्यक्ति के जीवन में उजाला लाया जा सके।
इनका रहा सहयोग : नेत्रदान पखवाड़ा कार्यक्रम के दौरान डा दिलीप मीणा, डा संगीता विश्नोई, नेत्र सहायक विक्रम कुमार सोलंकी, नर्सिंग अधिकारी संतोष चौधरी, वीराराम सोलंकी, तालब खान, अबरार मोहम्मद इत्यादि का विशेष सहयोग रहा।