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जल संरक्षण तकनीक की जानकारी प्रत्येक घर तक पहुंचाएं: शाले मोहम्मद


मंत्री ने अटल भूजल योजना के प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।

पोकरण/ जैसलमेर। भूजल संरक्षण और वर्षा जल संरक्षण के लिए चलाई जा रही अटल भूजल योजना के अंतर्गत पंचायत समिति नाचना की ग्राम ग में किए जाने वाले प्रशिक्षण का ग्राम पंचायत पांचे का तला में कार्यक्रम का शुभारंभ अल्पसंख्यक मामलात व जल उपयोगिता विभाग मंत्री शाले मोहम्मद ने किया। ग्राम पंचायत पांचे का तला के परिसर में आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में मंत्री शाले मोहम्मद ने कहा कि नाचना समिति क्षेत्र में पानी की बड़ी किल्लत रहती है। यहां के लोगों ने कई अकाल झेले हैं एवं पीने के पानी के लिए कोसों दूर पखालों एवं मटकियों से पानी लाकर अपने एवं पशुओं के हलक तर किए हैं। सरकार ने इसे गांवों में बरसात के पानी के सही उपयोग संरक्षण एवं बचाव के उपायों के लिए इस प्रकार के कार्यक्रम शुरू किए हैं। प्रत्येक पंचायत में शिविर आयोजित किए जाएंगे, जहां विशेषज्ञ इसके बारे में जानकारी देंगे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि क्षेत्र के प्रत्येक गांव व घर तक जल संरक्षण की जानकारी उपलब्ध कराएं एवं जनप्रतिनिधि इसमें सहयोग करेंगे। ग्रामीण अपने दैनिक जीवन मे ये सब उपाय करेंगे तभी सरकार की अटल भूजल योजना का सपना साकार होगा। उन्होंने कहा कि यह योजना लोगों को पेयजल व क़ृषि में जल के प्रबंधन में सहायक होगी। मंत्री ने प्रशिक्षण के दौरान वर्षा मापक यंत्र एवं जल के रासायनिक विश्लेषण किट का निरीक्षण किया एवं अटल भूजल के अंतर्गत उत्कृष्ट कार्य कर रही डी पी एम यू क़ृषि विशेषज्ञ पूनम कुमारी को सम्मानित कियाl
 इस दौरान पंचायत समिति नाचना के प्रधान अर्जुन राम मेघवाल,पूर्व जिला प्रमुख अब्दुल्ला फकीर, सरपंच आमू खातून, उपखंड अधिकारी राजेश विश्नोई, विकास अधिकारी नाचना भंवर लाल जाखड़, पुलिस उप अधीक्षक कैलाश विश्नोई, पूर्व सरपंच सत्यनारायण चांडक, अधिशासी अभियंता प्रयाग स्वामी, नॉडल अधिकारी नारायण दास इणखिया सहित पंचायत समिति क्षेत्र के सरपंच व ग्रामीणों ने मौजूद रहे। 

- अटक भूजल में इस प्रकार किया जाएगा कार्य; नॉडल अधिकारी नारायणदास इणखिया ने बताया कि नाचना पंचायत समिति की सभी ग्राम पंचायत में 6-6 प्रशिक्षण इस वर्ष आयोजित कराए जाएंगे। योजना के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत में वर्षा मापक यंत्र की स्थापना का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है, इससे वर्षा मापन का कार्य सुनियोजित ढंग से हो पाएगा। चयनित ग्राम पंचायत के किसानों के खेतों में जल मीटर की स्थापना कर ,जल की खपत की जानकारी प्रदान की जाएगी। गांव में ही जल की गुणवत्ता की जाँच कर किसानों को जल के अत्यधिक दोहन के दुष्परिणाम से अवगत कराया जायेगा।