शाइन टुडे@ सिवाना(बाड़मेर): गायों के दर्द को महसूस करना हो तो सिवाना कस्बे के गोर का चौक आकर अवश्य देखें, जी, हाँ। कीचड़, गंदगी और पानी में चारा खाने के लिए खड़ी रहती है गाय! ऐसा नहीं है कि यहां कभी कभार ऐसा मंजर देखने में आता है, बल्कि बारिश के मौसम में जब भी थोड़ी बहुत बारिश होती है तो इन गायों का यही हाल होता है, पूरी-पूरी रात और दिन भर इस गंदगी के आलम में कीचड़ भरी जगह पर गाय खड़ी रहती है।
एक समय हुआ करता था कि यह गौर का चौक बड़ा और खुला-खुला हुआ करता था, लेकिन समय के साथ-साथ यहां पर अतिक्रमण होना और आस-पास भावनों और दुकानों का निर्माण होने से पानी यहां आकर जमा हो जाता है, जिसके चलते गायों को इस कीचड़ भरी जगह ओर पानी में ही खड़ा रहकर हरा चारा खाना पड़ता है। हरा चारा इसलिए लिख रहा हूं की गोर का चौक में गायों के लिए भामाशाह एवं गो-प्रेमियों/ गौभक्तों द्वारा हरा चारा यहीं से खरीद कर यहीं पर खिलाया जाता है, मगर इन गायों को कीचड़ और गंदगी में खड़ा रह कर अपना पेट भरना पड़ता है, मगर इस ओर किसी का ध्यान नहीं जाता और ना ही स्थानीय प्रशासन इस को लेकर गंभीर है। हालात यह हो जाते है कि गौर का चौक में जो गाय चारा खाने आती है वह बालोतरा मुख्य सड़क पर अक्सर खड़ी नजर आती है। लंबे समय से हालात यह है कि इन पशुओं के दर्द को सुनने वाला कोई नहीं है।