जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों को इसी माह का मानदेय 10 प्रतिशत वृद्धि के साथ करने के निर्देश
जयपुर/जैसलमेर/पोकरण:- राजस्थान मदरसा बोर्ड में पंजीकृत मदरसों में कार्यरत मदरसा शिक्षा सहयोगियों को सरकार ईद का तौहफा देने जा रही है। 2021-22 वित्त एवं विनियोग विधेयक पर प्रत्युत्तर के दौरान संविदाकर्मियों के मानदेय में 10 प्रतिशत की वृद्धि करने की घोषणा की गई थी। अल्पसंख्यक मामलात, वक़्फ़ एवं जन अभाव अभियोग निराकरण मंत्री शाले मोहम्मद ने कहा कि राजस्थान मदरसा बोर्ड में पंजीकृत प्रदेश के मदरसों में कार्यरत शिक्षा सहयोगियों के मानदेय में 10 प्रतिशत वृद्धि के साथ मानदेय जमा कराने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद राजस्थान मदरसा बोर्ड ने इसको लेकर कवायद तेज कर दी है। 1 अप्रैल 2021 से बढ़ा हुआ मानदेय जमा कराया जाएगा। प्रदेश के समस्त जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि इस माह का मानदेय बढ़ी हुई वृद्धि के साथ जमा कराएं, ताकि सरकार की ओर से मदरसा पैराटीचर्स को ईद से पहले तौहफा दिया जा सके। विभिन्न चरणों में लगे पैराटीचर्स को 850 से 1100 रुपए तक की वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार अल्पसंख्यक वर्ग के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है। मदरसों में आधुनिक एवं बेहतरीन शिक्षा देने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री मदरसा आधुनिकीकरण योजना के अंतर्गत अतिरिक्त कक्षा कक्ष, फर्नीचर एवं खेलकूद सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है, ताकि मदरसों में बेहतरीन सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सके।
बढ़ी हुई राशि के साथ होगा इसी माह का मानदेय जमा:
राजस्थान सरकार ने मदरसों में कार्यरत शिक्षा सहयोगियों को तौहफा देते हुए ईद से पहले ही बढ़ी हुई राशि के साथ इस माह का मानदेय जमा कराने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद मदरसा बोर्ड विभाग ने इसपर कार्य शुरू कर दिया है। प्रदेश के समस्त जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों को ईद से पहले बढ़ी हुई राशि के साथ इसी माह के मानदेय जमा कराने के अदेश दिए हैं।
अल्पसंख्यक वर्ग के उत्थान एवं सर्वांगीण विकास के लिए सरकार प्रतिबद्ध: अल्पसंख्यक मामलात मंत्री शाले मोहम्मद ने कहा कि राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार अल्पसंख्यक वर्ग के उत्थान एवं सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है। मदरसों में कार्यरत शिक्षा सहयोगियों के मानदेय में वृद्धि के निर्देश दिए हैं, इससे साथ ही मदरसा आधुनिकीकरण योजना के तहत विभिन्न कार्य कराए जा रहे हैं। सरकार की मंशा है कि मदरसों के छात्रों को बुनियादी सुविधाएं मुहैया करवाकर मुख्य धारा में लाया जा सके।