पिछली सरकार ने छात्रावास के काम रोके, इससे उनकी मंशा साफ जाहिर होती है
जैसलमेर/ पोकरण: प्रदेश के प्रत्येक जिला मुख्यालय एवं अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्र के ब्लॉक में अल्पसंख्यक बालक-बालिका के छात्रावास एवं आवासीय विद्यालय खोलकर छात्रों को शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर सुविधाएं देंगे। इसकी शुरुआत मसूदा एवं भरतपुर से कर दी गई है। चौहटन एवं जैसलमेर में अल्पसंख्यक बालिका आवासीय विद्यालय खोले जाएंगे। यह बात अल्पसंख्यक मामलात, वक़्फ़ एवं जन अभाव अभियोग निराकरण मंत्री शाले मोहम्मद ने जैसलमेर जिला मुख्यालय पर स्थित राजकीय अल्पसंख्यक बालक-बालिका छात्रावास के शिलान्यास समारोह के दौरान कही। उन्होंने कहा कि एक दिन पहले ही बाड़मेर जिला मुख्यालय पर बालक-बालिका छात्रावास का शिलान्यास किया है। वहां अशोक गहलोत की 2013 की सरकार ने छात्रावास की मंजूरी दी थी, लेकिन भाजपा राज में जमीन आवंटित नहीं हुई। जिससे भवन निर्माण नहीं हुआ। पांच वर्ष तक छात्रावास के कार्य को रोककर रखना उनकी मंशा को जाहिर करता है। उन्होंने कहा कि जब से सीएम अशोक गहलोत ने उन्हें जिम्मा दिया है तब से वे लगातार अल्पसंख्यक वर्ग के उत्थान के लिए प्रयासरत हैं। राजस्थान मदरसा बोर्ड को संवेधानिक दर्जा दिलाया है, अब कक्षा 10-12 तक की शिक्षा मदरसों में मिल सकेगी। अल्पसंख्यक छात्र छात्रवृत्ति से वंचित रह जाते थे। इसको लेकर अल्पसंख्यक मामलात मंत्री भारत सरकार एवं प्रधानमंत्री को पत्र लिखे , लेकिन कोई जवाब नहीं आया। इसको लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को बताया, तब उन्होंने बजट सत्र के जवाब में घोषणा की है। अब छात्रवृत्ति से वंचित रहे पात्र छात्रों को छात्रवृत्ति राजस्थान सरकार की ओर से मिल सकेगी। छात्रावास शिलान्यास समारोह के दौरान उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार हर क्षेत्र में विकास के लिए कृत संकल्प है। युवाओं को प्रशिक्षित करने के किए कॉमन सर्विस सेंटर स्थापित किए जाएंगे। जैसलमेर में 150 लाख की लागत से सीएचसी का निर्माण कराया जाएगा। इससे स्किल डेवलपमेंट के काम होंगे। उन्होंने कहा कि शिक्षा समय की जरूरत है। तालीम से ही तरक़्क़ी संभव है। पोकरण उपखण्ड 150 एवं भणियाणा में 150 लाख की लागत से छात्रावास बना रहे हैं। बालिका आवासीय विद्यालय चौहटन एवं जैसलमेर में जल्द ही बनेंगे। जहां छात्रावास नहीं है वहां एनजीओ के मार्फ़त से छात्रावास चलाए जा रहे हैं, आवश्यकतानुसार और स्वीकृत भी कर रहे हैं। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए विधायक रूपाराम धनदेव ने कहा कि जैसलमेर जिले के विकास के लिए किसी प्रकार की कमी नहीं रखेंगे। यहां के दो विधायक अन्य विधायकों से ज्यादा काम करवा रहे हैं।
आधुनिक शिक्षा के लिए मॉडल मदरसा:
मदरसों में दीनी तालीम के साथ दुनियावी एवं आधुनिक शिक्षा के लिए सरकार प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री मदरसा आधुनिकीकरण के तहत प्राइमरी स्तर के मदरसों को 15 लाख एवं अपर प्राइमरी स्तर के मदरसों को 22 लाख की राशि जारी की जाती है। स्मार्ट क्लास रूम, निशुल्क पुस्तकें, कम्प्यूटर एवं खेलकूद सामग्री देकर मदरसों में बेहतर सुविधाएं दे रहे हैं। जैसलमेर जिले के मदरसों में 1 करोड़ 45 लाख की लागत के अतिरिक्त कक्षा कक्षों का शिलान्यास किया गया है।
किसान परेशान, वो हम दो हमारे दो का रख रहे हैं ख्याल: केंद्र सरकार कोरोनाकाल में कृषि के तीन काले कानून लाई। जिसकी किसी किसान संगठन एवं पार्टी ने मांग नहीं की। इसके बाद भी काले कानून लाए गए। पूरे देश का किसान काले कानून का विरोध कर रहे हैं, एक सौ दिन बीत गए, धरने में किसान शहीद भी हुए लेकिन केंद्र सरकार को कोई फिक्र नहीं है। सहायता तो दूर संवेदना तक व्यक्त नहीं की। उन्हें केवल हम दो हमारे दो की फिक्र है। देश से उनको कोई मतलब नहीं है। महंगाई बढ़ रही है, उस पर किसी प्रकार का अंकुश नहीं है। आज देश का जवान एवं किसान परेशान हैं।
मदरसा पैराटीचर्स के सेवा नियम बनेंगे:
राजस्थान मदरसा बोर्ड से पंजीकृत मदरसों में कार्यरत पैराटीचर्स के सेवा नियम बनाए जाएंगे। अल्प संख्यक मामलात मंत्री शाले मोहम्मद ने कहा कि जो मदरसा डी ब्लॉक हो गए हैं एवं जहां नामांकन कम है, वहां के पैराटीचर्स की डिटेल्स मंगवाई है। राज्य सरकार संविदाकर्मियों के लिए अलग से विभागवार कैडर बनाएगी। इसमें मदरसा पैराटीचर्स भी शामिल हैं।
अल्पसंख्यक बालक-बालिका छात्रावास के शिलान्यास समारोह के दौरान जैसलमेर विधायक रूपाराम धनदेव, नगर परिषद सभापति हरिवल्लभ कल्ला, उप सभापति खेम सिंह, पीडब्ल्यूडी के एसई हठेसिंह, कांग्रेस नेता जनक सिंह, छोटू खान, नगर परिषद के पूर्व सभापति सुमार खान सहित विभिन्न ग्राम पंचायतों के सरपंच एवं गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।