संस्कृति और सभ्यता हमारी धरोवर जिसका सरंक्षण हमारा दायित्व : मुमुक्षुरत्ना
सिवाना(बाड़मेर): समदड़ी क्षेत्र के अजीत कस्बे में शनिवार को रानी देशीपुरा हाल बीजापुर निवासी वैराग्यवती मुमुक्षुरत्ना पायल पारख के आगमन पर भामाशाह जीवराज मदनलाल भरत कुमार कातरेला परिवार के निवास पर उनके प्रतिनिधि के रूप में हुकम सिंह अजीत एवं हापुराम सुथार ने विधि विधान से कंकु तिलक से अनुमोदना करते हुए साफा माला से बहुमान किया। श्री जैन सकल संघ के जयन्ती लाल भूरट, गौतम श्रीमाल, कमलेश भंसाली, सपना जैन, पिंकी भंसाली ने भी वैराग्यवती का बहुमान कर अनुमोदना की।
ज्ञात रहे मुमुक्षुरत्ना पायल पारख आगामी तेरह जून को बीजापुर मे पंडित रत्न घोर तपस्वी नरेशमुनि म.सा. के मुखारविंद से भगवती प्रवज्या ग्रहण कर गुरूणी मैया चन्दन बाला म.सा की शिष्या बनेगी।
इस दौरान स्थानीय गुरुकुल विद्यालय के छात्र छात्राओं ने किया संवाद, दक्षिण भारत में उच्च शिक्षित मुमुक्षुरत्ना पारख ने विद्यार्थियों के समक्ष शिक्षा के मूलमंत्र को परिभाषित करते हए कहा कि लक्षयबद्ध रूप से की गई मेहनत से प्राप्त सफलता ही मनुष्य जीवन का मूलमंत्र हैं अतः हमें अपनी संस्कृति और सभ्यता जो की हमारी धरोवर हैं जिसका सरंक्षण करना हमारा नैतिक दायित्व बनता हैं अतः हमें अपने कड़ी मेहनत व परिश्रम से अपनी इच्छानुसार चिकित्सा, तकनीकी, प्रशासनिक, कानून एवं अध्यापन के क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित कर माता पिता एवं गुरुजनों को गौरवान्वित करना चाहिए इस अवसर विद्यालय निदेशक गुलाब राजपूत ने मुमुक्षुरत्ना का बहुमान कर अनुमोदना कि।