जर्जर हुआ जीएलआर, पेयजल संकट गहराया
रिपोर्ट: जेठूसिंह शिव
भिंयाड़ शिव: भिंयाड़ ग्राम पंचायत धारवी खुर्द के राजस्व लखासर में नो सालो से पानी का गहरा संकट है नो साल पूर्व भिंयाड़ से जलापूर्ति की जा रही थी पिछले आठ नो सालों से जलापूर्ति पूर्णरूपेण बाधित है इस सूचना को कई बार अधिकारियों से लेकर समस्त कर्मचारी तक दी गई है लेकिन पेयजल व्यवस्था जस की तस रह गई है कई सालों से ग्रामीणों को बड़े महंगे दामों से पानी मंगवाना पड़ रहा है नो सालों से गहरा पानी का संकट फिर भी नहीं सुन रही है सरकार एव नेताओ भी को लोगों की वोटो तक जरूरत होती है फिर बाद में जनता के लिए अलविदा हो जाते हैं कई बार नेता लोगों को प्रार्थना पत्र के जरिए बताया गया है फिर भी कोई सुनवाई नहीं कर रहे हैं।
लखासर गांव में पेयजल संकट जीएलआर के निकले सरिए
जलदाय विभाग ने वर्षों पहले यहां लाखों रुपए खर्च कर ग्रामीणों के पानी की सुविधा को जेएलआर बनवाया है लेकिन युवाओं का कहना है कि उन्होंने कभी इसमें पानी आया हुआ नहीं देखा अब तो इस जिएलआर के चारों ओर का सीमेंट प्लास्टर जिकं खाने से लोहे के सरीए तक निकल गए हैं वहीं पर खेली जमीन दोज हो चुकी है वहां आसपास रहने वाले करीब 80 परिवार महगे दाम पर पानी के टैंकर मंगवा अपनी जरूरतें पूरी तो करते हैं लेकिन खुद कि जरूरते पूरी करने के बावजूद भी आवारा पशु पक्षियों को दर-दर भटकना पड़ रहा है
ग्रामीण बोले हादसें की आशंका
गांव के बीच स्थित जर्जर जेएलआर कभी भी धराशाई हो सकता है इसके आसपास दिन में बच्चे तथा पशु घूमते रहते हैं ऐसे में गिरने से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। ग्रामीण मोतीसिंह धारवी का कहना है कि जिम्मेदारी लापरवाही के चलते जीएलआर कभी भी मरमत नहीं हुई और ना ही कभी पानी की आपूर्ति हुई पशु- पशुपालक दर-दर भटक रहे हैं। समस्त ग्रामीणों का कहना है कि सहायक अभियंता जलदाय विभाग खंड भिंयाड़ कई बार उच्चाधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को अवगत करवाने के बावजूद भी समस्या जस की तस है
महज 2700 मीटर दूर है सरकारी ट्यूबवेल
लखासर गांव से जलदाय विभाग के महज 2700 मीटर दूर स्थित सरकारी ट्यूबेल है इसके बावजूद ग्रामीणों को पानी की समस्या से रूबरू होना पड़ रहा है वर्तमान में जीएलआर के लिए लगी पाइप लाइन भी कोई ले गए ऐसे मैं पशु - पक्षी प्यास बुझाने के लिए दर-दर भटक रहे।